Menu Close

डेढ़ा गोत्र

Home Forums Indian Gurjar Society डेढ़ा गोत्र

Viewing 1 post (of 1 total)
  • Author
    Posts
  • #2642
    adminadmin
    Keymaster

    डेढ़ा गोत्र पर चर्चा में Chairman श्री हरिओम डेढ़ा – हरीश चौधरी के साथ l
    #dedhasamaj #dedhagurjar #gurjarsamaj #gurjarhistory

    1. डेढ़ा गौत्र के 24 गांव
    जगतपुर, सभापुर , सादतपुर, दयालपुर, तुकमीरपुर, बिहारीपुर, शेरपुर, खजूरी, गढ़ी मैण्ड, उस्मानपुर , गाँवड़ी, उस्मानपुर, घौण्डा, मौजपुर, सीलमपुर, घोंडली, मण्डावली, खिचड़ीपुर, कोटला, चिल्ला, दल्लुपुरा, घडौली, कोंडली, गाजीपुर नोएडा – भुआपुर , चौड़ारघुनाथपुर, बिशनपुर गाजियाबाद – लोनी के पास इलायचीपुर

    2. डेढ़ा गौत्र व शब्द की उत्पत्ति
    हमारे भाट, पूर्वज तथा इतिहासकारों के अनुसार गुर्जर राष्ट्र के डीडवाणा स्थान से डेढ़ा गौत्र की उत्पत्ति मानी जाती है जो कि गुर्जर राष्ट्र के राजा देवपाल ( 400ई0 ) के अधीन था।

    3. डेढ़ा गौत्र का इतिहास
    राजा देवपाल के तीन पुत्र हुए। प्रथम पुत्र अजीपाल, दूसरे तेजपाल व तीसरे बुद्धकी (बुद्धपाल ) हुए। दूसरे पुत्र तेजपाल वर्तमान उ0प्र0 के गंगापार क्षेत्र में बसे ।अजीपाल व बुद्धपाल (बुद्धकी ) दिल्ली के किलोकरी ( दक्षिण दिल्ली) में आकर बसे , किलोकरी गांव को ब्राह्मणों को दान में देकर ये दिल्ली के पुराना हिन्दू कॉलेज के पास यमुना किनारे बसे । मुगलकाल में जब दिल्ली की किलाबंदी हुई तो इन्हें यहाँ से उजाड़ दिया गया तो ये लोग वर्तमान मजनू टीला के पास गुर्जर गांव पुरानी चन्द्रावल (खारी गौत्र) में आकर बसे डेढ़ा व खारी गौत्र की सामूहिक चौपाल ( भाईचारा) होने के कारण 1970 के दशक तक आपस में विवाह संबंध नहीं बनाये । इसके बाद अजीपाल कैथवाड़ा(शास्त्री पार्क श्यामगिरी मंदिर ) में बसे जिनके वंश के 16 गांव तथा बुद्धपाल (बुद्धकी) अंधावली(तीस हजारी) में बसे जिनके 9 गांव है । इसके बाद यह लोग परिवारों में वृद्धि के साथ यमुना किनारे 24 अलग स्थानों पर बसे । जिसे डेढ़ा गौत्र की चौबीसा खाप के नाम से जाना जाता है।

    4. डेढ़ा गौत्र का व्यवसाय
    गुर्जर जाति के कारण हमारा व्यवसाय अतीत से ही खेती व पशुपालन रहा है। दिल्ली के पास होने के कारण दूध यहाँ बेचा जाता था। कृषि उपज को आमतौर पर शाहदरा अनाज व सब्जी मण्डी में बेचा जाता था।

    5. डेढ़ा गौत्र की संस्कृति के बारे में
    खान-पान : कृषि व पशुपालन के कारण शाकाहारी भोजन व दूध-दही, छाछ का देशी साधारण पहनावा : कृषि व पशुपालन के कारण डेढ़ा गौत्र के गुर्जरों की तरह ही आधी बाजू का कुर्ता, पायजामा या तहमद तथा सिर पर गमछा रखते थे। लेकिन विशेष अवसर शादी या त्योहार व पंचायतों के समय कुर्ता, धोती, जूती, सफेद पगड़ीव छडी, पहनने की परपंरा रही है । सफेद पगडी व बेंत की छडी विशेष पहचान थी। डेढ़ा गौत्र की महिलायें कमीज, सलवार व ओरना पहनती है।

    6. डेढ़ा गौत्र के रीति रिवाज व मान्यताएँ
    प्रत्येक गांव के लोग गांव खेड़ा (देवता) भूमिया की पूजा करते है। जिसमें महिलायें प्रत्येक दोज को खीर बनाकर पूजा करती है। चौबीसा गांवों की सिद्धपीठ श्यामगिरि मंदिर है जहाँ प्रत्येक रविवार को शिवलिंग पर दूध चढाया जाता है तथा खीर का भण्डारा किया जाता है।

    7. डेढ़ा गौत्र के त्योहार कौन से विशेष है
    डेढ़ा गौत्र में महिलाओं में तीज का विशेष महत्व है जिसमें वो गीत गाकर तीज खेलती है गोवर्धन पूजा व रक्षा बंधन का भी विशेष महत्व है 8. खेल रक्षा बंधन के अवसर पर चौबीसाखाप कुश्ती दंगल का अयोजन प्राचीन काल से करता आ रहा है । पहले यह पुराना लोहा पुल पर, वर्तमान में बाबा श्यामगिरि मंदिर पर होता है जिमें दिल्ली, हरियाणा व पं0 उत्तर प्रदेश के पहलवान भाग लेते हैं। कबड्डी व कुश्ती तथा मुगदड, व्यायाम प्राचीन काल से प्रचलित है। चौबीसा खाप में कई पहलवान जैसे मण्डावली से लखीराम, सीलमपुर से शीशराम, घोण्डा से संपत, गढ़ी मैण्डू से भंवर सिंह,खजूरी से उदयराम, बिहारीपुर से बदलेराम व ढयोटी(करावल नगर)से करतार पहलवान दिल्ली स्तर के पहलवान हुए है।

    9. गीत – संगीत के बारे में
    महिलायें प्रायः शादी, त्योहार के अवसर पर गीत व भजन गाती है । पुरूष प्रायः रागणी व होली गाते है। समूह में रागणी प्रतियोगिता का आयोजन पुराने समय से होता रहा है। शेरपुर गांव के कवि जयकरण की लिखि हुए रागणी दिल्ली व आसपास के राज्यों में प्रसिद्ध है।

    10. भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान
    1857 के विद्रोह के समय उ0प्र0 के मेरठ, बुलन्दशहर व गाजियाद के सेनानी जब यमुनापार क्षेत्र से गुजरते थे तो चौबीसा खाप के द्वारा उनको खान-पान, ठहरने की व्यवस्था तथा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी।

    11. डेढ़ा गौत्र के साथ अक्सर राजा शब्द का प्रयोग क्यों होता है
    राजा देवपाल के वंशज होने के कारण प्रायः इन्हे डेढ़ा राजा कहा जाता है।

Viewing 1 post (of 1 total)
  • You must be logged in to reply to this topic.